केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसले को देश के सामने रखा जिससे देश के केंद्रीय कर्मचारियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है. केंद्र सरकार ने 8th pay commission को approved कर दिया है. यहाँ आपको यह जानना जरूरी है की अभी कमीशन को गठित किया गया है. जिसके बाद कमीशन अपना रिपोर्ट सरकार के पास भेजेगी. कमीशन कब से बैठेगी और किस डेट से बैठेगी इसके बारे में अभी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी है. हो सकता है 8th pay commission बजट पास होने के बाद या फ़रवरी के अंत या मार्च के शुरुआत में कमीशन को सेटअप किया जाए और दो से चार माह बाद इसकी रिपोर्ट सबमिट की जाये.

8th pay commission approved
इसकी वजह से केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारी को इससे लाभ होगा. कुछ मिडिया रिपोर्ट के अनुसार यह बाते सामने आ रही थी की शायद जिस प्रकार से बजट कंस्टेन्ट आ रही थी और अभी दूसरी तिमाही GDP ग्रोथ में जिस तरह से गिरावट आ रही थी उसके अनुसार 8th pay commission लागू नहीं होने की संभावना जताई गयी थी.
पे कमीशन क्या होता है?
पे कमीशन एक ऑफिसियल पैनल होता है जो सरकार के द्वारा गठित की जाती है. जिसका कार्य वेतन वृद्धि, पेंशन, अलग-अलग भत्ते, fitment factor, gratuity और भी अन्य कार्य के मामले में बढ़ोतरी और कटौती से सम्बंधित सुझाव कमीशन के द्वारा सरकार को दिया जाता है. केंद्र सरकार के द्वारा इन सुझावों को जब approved कर दिया जाता है तो केंद्र के कर्मचारियों की वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी होती है.
अब तक कुल कितने pay commission लागू किये गए हैं?
आजादी के बाद से अब तक भारत के इतिहास में अभी तक कुल 7 pay commission लागू किये गए हैं और प्रत्येक 10 वर्षों में पे कमिशन का गठन किया जाता है. सरकार के द्वारा पे कमिशन के लागू करने के पीछे का उद्देश्य लोगों के हाथ में पैसे का फ्लो बढाकर लोगों के अर्निंग को बढाकर उनकी जीवन स्टैण्डर्ड को बढ़ाना होता है. यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा होता है.
पे कमीशन की देश की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करता है?
आपको बताते चले की पे कमिशन की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ता है. पे कमीशन को लागू करना काफी खर्चीला प्रोसेस है, जैसे वर्ष 2016 में 7th pay commission को लागू करने पर सरकार का खर्च 1 लाख करोड़ तक सालाना बढ़ गया था. इसके कारण लोक वित् पर काफी बोझ पड़ता है, लेकिन इसका सकारात्मक असर GDP पर नजर आता है. वेतन में बढ़ोतरी के कारण उपभोगता के व्यय करने की क्षमता बढती है जिससे लोगों के हाथ में Disposable income का प्रवाह बढ़ जात है और वस्तु एवं सेवाओं की मांग में वृद्धि होती है, जो GDP में बढ़ोतरी करता है इससे अर्थव्यवस्था को सुचारू रखने में सहायता मिलती है.
वर्तमान में हमारी अर्थव्यवस्था में जो समस्या है वह GDP (C+I+G+NH) में PRIVATE CONSUMPTION एवं INVESTMENT GOVERMENT EXPENDITURE का निचले स्तर पर रहना है जहाँ PRIVATE CONSUMPTION का वेटेज 55 से 60 प्रतिशत रहना चाहिए, वहीँ वर्तमान में इसका प्रतिशत काफी नीचे चला गया है.इसे पटरी पर लाने की जरूरत है.
कुल मिलाकर पे कमीशन के लागू होने पर देश की GDP में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आपको बताते चले की जब वर्ष 2016 7th pay Commission लागु किया गया था तो मिनिमम वेतन 7 हजार से बढाकर 18 हजार कर दिया गया था वहीँ कुछ ऊँचे पदधारी अधिकारीयों के वेतन 2.50 लाख तक हो गए थे.
6th एवं 7th pay commission में तुलना:-
वर्ष 2006 में मनमोहन सिंह सरकार द्वारा 6th pay commission को लागु किया गया था जिसमें निम्न मद शामिल थे:-
- इस कमिशन में ग्रेड पे सिस्टम लागू किया गया था.
- minimum pay 7 हजार.
- maximum pay 80 हजार के आस पास रखा गया था.
- fitment factor 1.86 times बेसिक पे
- gratuity ceiling 10 लाख
- etc.
वहीँ वर्ष 2016 में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 7th pay commission लागू किया था, जिसमे ग्रेड पे को और सरल करते हुए निम्न मदें शामिल की गयी थी:-
- minimum pay 18 हजार.
- maximum pay 2.50 लाख.
- fitment factor 2.57 times बेसिक पे
- gratuity ceiling 20लाख
- etc.
इसी प्रकार वर्तमान में 8th pay commission में 7th पे कमीशन को और सरल करते हुए निम्न मदों को शामिल किये जाने की संभावना जताई जा रही है:-
- minimum pay को 26 से 30 हजार के आस पास रखा जाएगा
- fitment factor को 2.57 से बढाकर 2.86 से 3.50 times बेसिक पे तक किये जाने की संभावना.
- DA में भी सुधार
- हाउसिंग एवं ट्रेवल अलाउंस में भी सुधार की सम्भावन व्यक्त की जा रही है.
निष्कर्षतः 8th पे कमिशन के लागू हो जाने के बाद इसकी रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में दोगुनी बढ़ोतरी देखी जा सकती है.
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